YOGSUTRA EVAM ASANA

Author: Dr. Rajun Bala Patiyal, Dr. Manju Khanna

आजकल के मशीनी युग में प्रत्येक व्यक्ति ने परिश्रम करना छोड़ दिया है , जिसके फलस्वरूप वह तनावग्रस्त एवं रोगग्रस्त हो गया और प्रकृति से कोसों दूर चला गया है । इस पुस्तक का मूल उद्देश्य जनसाधन की मानसिक समस्याओं को दूर करना एवं काया को निरोगी बनाने में सहायता प्रदान करना है । प्रत्येक व्यक्ति अष्टांग योग के अन्तर्गत आने वाले आसनों को यथाविधि करके अपने जीवन को हर्षोल्लासयुक्त एवं स्वस्थ बना सकता है । योग के विशय में निम्न ग्रंथों के वक्तव्य इस प्रकार योग युज् धातु से वरण मं छत्र प्रत्यय लगाकर ' योग ' शब्द निष्पन्न हुआ युज्यते अनेन इति योगः पुरुषार्थ चतुष्ट्य के प्राप्ति में योग की महत्त्वपूर्ण भूमिका है । नैतिक , दैहिक अध्यात्मिक मूल्यों की स्थापना में योगशास्त्र का अत्यधिक महत्व है । इस शास्त्र का मूल ग्रंथ पातंजल योगशास्त्र है।

विषय प्रवेश योग का इतिहास योग विज्ञान आसनों के प्रकारआसनों की उपयोगिता योगसाधना में आसनों आसनों से रोगों की रोकथाम उपसंहार संदर्भ ग्रंथ सूचि.

ISBN 9789384603281

 

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